Uncategorized
Trending

चाँद सजन सा

मैं कुछ भी तो नहीं सजन बिन तुम्हारे,
तुम हो तो सुंदर रैन और चमकते सितारे
खुशियों की चमक लिए चाँद सजन सा मेरा ,
तुमसे ही तो हूँ मैं और सारा अस्तित्व मेरा ।

तुम्हारी प्रीत में ही बीत जाए उमर ये सारी
प्रीत की जोत ये जलती रहे ता उम्र हमारी ।
तुमसे ही तो हूँ मैंऔर सारा अस्तित्व मेरा।

हर धड़कन में हो तुम, प्रिय
तुमसे बंधी है प्रीत डोरी,
तुम सजाते रहो मांग मेरी
मरूं सुहागन यही अभिलाषा होपूरी ।
तुम होते जो साथ न डराता अंधेरा
तुमसे ही तो हूँ मैं और साराअस्तित्व तुम्हीं से है मेरा l

तुम्हारे कदमों के निशानों पर पग-पग बढ़ाऊं ,
जिस दिशा में ले चलो आँख मूंदे चलती ही जाऊँ ।
हाथ में हाथ लेकर हो ये सफ़र पूरा
तुमसे ही तो हूँ मैं और तुम्हीं से है सारा अस्तित्व मेरा।

श्रीमती अंजना दिलीप दास
बसना महासमुंद

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *