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“जीवन चतुष्टय में अद्वैत की ज्योति: बाल्य से ब्रह्म तक की आत्मिक यात्रा”
(10 से 25 वर्ष तक) — बालमन का जागरणसूत्र: “तत्त्वमसि” — तू वही है, जो ब्रह्म है। छोटे मन में…
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छायाचित्रानुसार कवितागुलपरी की उड़ान
नीला-नीला आसमान था,सूरज भी मुस्करा रहा था।पिंजरे में इक परी थी प्यारी,सबकी थी वह, प्यारी दुलारी। गुलाबी ड्रेस, सफ़ेद थे…
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शिक्षक
जिसके मस्तक पर भाल प्रखर,जिससे होता नित सूर्य निखर।जिसका उत्ताप न सह कोई,कर इनका विरोध सब पड़े बिखर।। जिसके नैंनों…
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दोस्ती
सूर्य और प्रकाश की अजब दोस्ती है,कठिन मार्ग है पर सनातन की रीति है। सभी ऋतुओं में सदा साथ रहता।ना…
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नीरदोष ज़िन्दगी
अगर मंज़िल मिल जाए सफ़र में ही,सोचो अगर ऐसा हो तो क्या होगा।मुसाफ़िर अगर खुद बन जाए रास्ता ,आदमी इंसान…
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परीक्षा
प्रकृति मनुष्य की परीक्षा लेती है चाहे कोई भी क्षेत्र हो। जीवन हमें कसौटी पर कसा करता है। चुनौती दर…
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“मेरे ख्यालों में”
रहता है अक्सर आना जानातुम्हारा ! मेरे ख्यालों में।मिल जाते हैं मेरे सवालों केजवाब बस तेरे आने से। डराती थी…
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“जीवन चतुष्टय में अद्वैत की ज्योति: बाल्य से ब्रह्म तक की आत्मिक यात्रा”
भारतीय चिरपुरातन एवं नूतन अद्वैत दर्शन पर आधारित वैदिक सनातन सत्-सिद्धांत को आज प्रत्येक आयु वर्ग द्वारा अपनाना अत्यंत आवश्यक…
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विषय, एक मुट्ठी आसमान
समय भी नहीं रुकता, युग बीता जाताहौसला है टूटता। हिम्मत हारे स्त्रीमनढूंढती है दिन-दिनपथ, होकर के उन्मन। जब भी पंख…
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वेदारम्भसंस्कार
वेदारम्भका तात्पर्य तथा सामान्य विधान—प्रायः उपनयन-संस्कार के ही दिन वेदारम्भ-संस्कार कर लेते हैं । जैसा कि वेदारम्भ– इस नामसे ही…
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