Vijay Kumar
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साहित्य
सोशल मीडिया का समाज पर प्रभाव
आज का युग विज्ञान का युग है यहां पर नित नये-नये आविष्कार जन्म लेते हैं और उनका प्रभाव सकारात्मक भी…
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साहित्य
भारत की पराधीनता
हमारे भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। हमारा भारत कभी मानवता के सागर के लिए जाना जाता…
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देश
राजनीति में गालीवाद का उदय
© आलेख: डॉ. अभिषेक कुमार राजनीति, जो कभी, समाज के पिछड़े, वंचितों के उत्थान, बिना भेदभाव के समाज की सेवा,…
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धर्म
सर्वेश्वरी प्राकट्य महोत्सव का भव्य आयोजन आचार्य पीठ – अमेठी में सम्पन्न होगा।
अमेठी, उत्तर प्रदेश –श्रीनिम्बार्क सेवासंस्थान अमेठी विश्व परिवार की ओर से यह सूचित किया जाता है कि३१ अगस्त २०२५, रविवार…
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साहित्य
समाधि पाद
सूत्र– ९ शब्दज्ञानानुपाती वस्तुशून्यो विकल्पः। शब्दज्ञानानुपाती= जो ज्ञान शब्दजनित ज्ञान के साथ-साथ होने वाला है; {और} वस्तुशून्यः= जिसका विषय वास्तव…
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साहित्य
साधना पाद
सूत्र– ८ विपर्ययो मिथ्याज्ञानमेतद्रूपप्रतिष्ठम् । तद्रूपप्रतिष्ठम्= जो उस वस्तु के स्वरूप में प्रतिष्ठित नहीं है, ऐसा; मिथ्याज्ञानम्= मिथ्या ज्ञान; विपर्ययः=…
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साहित्य
वक्त
जब से नजर बेरुखी होने लगीरास्ते भी दूरी बनाने लगे हैंउम्र से थकान कह रही हैंठहर जा देखअब रात हो…
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साहित्य
राखी का त्योहार, भाग-3
रेशम धागा आज हुआ है,ममता से ऐसा मजबूत।प्रेम हृदय में बसा था भारी,कर देता सबको अभिभूत।। बहना की ये मृदुल…
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साहित्य
“अपने कितने अपने”
मुश्किल जब हालात होंअपने कितने अपने हैं,तब समझ आते हैं।आश लगाने पर थोड़ी सी,कर देते हैं किनारा अक्सरवो अंतिम पंक्ति…
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साहित्य
किसी की याद का वह आंसू,
यह यादें, जिंदगी काअजीब सा हिस्सा होती हैं।दिल के कोने में कहींछुप के सोती हैं।तनहाई में यक ब यकमुस्काती सामने…
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